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Kanha Kanha




दिल के सारे राज़ उसके सामने खोलके
सारे दुख मिट जाएंगे कान्हा कान्हा बोलके।

सबसे अच्छा मित्र है सबसे अच्छा भाई
उसके जैसी लीला ना किसी ने भी रचाई
साथ था जिनके वो बनके सारथी भी
पाण्डवों को जीता दी उसने लड़ाई।
सुदामा के दुखों को दिया सोने से तौलके ।
सारे दुख मिट जाएंगे कान्हा कान्हा बोलके।
दिल के सारे राज़ उसके सामने खोलके
सारे दुख मिट जाएंगे कान्हा कान्हा बोलके।

मैंने तो आजमा लिया तुम भी आजमा लो 
दोस्ती का एक हाथ कन्हैया से मिला लो
कृष्ण भक्ति में करके समर्पित खुद को
एक अकेले बार में ही सारे ग़म मिटा लो ;
धन धन नाचोगे हम इतने धनी हो गए। 
सारे दुख मिट जाएंगे कान्हा कान्हा बोलके।
दिल के सारे राज़ उसके सामने खोलके
सारे दुख मिट जाएंगे कान्हा कान्हा बोलके। 

दुश्मनों को मारो मत कृष्ण से मिला दो 
जीने का सही तरीका उनको तुम बता दो 
जीने का हक़ है जानवरों को तो भी
उनके लिए तुम ज़रा सी दया तो दिखा दो;
भाव भाव भी बिन भाव, कृष्ण भाव मोल के 
सारे दुख मिट जाएंगे कान्हा कान्हा बोलके।
दिल के सारे राज़ उसके सामने खोलके
सारे दुख मिट जाएंगे कान्हा कान्हा बोलके।

याद है हर पल उसकी जुबान पर नाम है 
मेरे श्री कृष्ण का मेरे दिल में ही धाम है 
पूछते हो क्यों रहता हूँ खुश मैं हमेशा 
श्याम-श्याम हमेशा करता रहता ‘श्याम’ है। 
चिंता मुक्त हो जाओ चिंता कान्हा को बोलके 
सारे दुख मिट जाएंगे कान्हा कान्हा बोलके।
दिल के सारे राज़ उसके सामने खोलके
सारे दुख मिट जाएंगे कान्हा कान्हा बोलके।

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