Ek Bar
अँग्रेजी किताबों के नीचे दबी हिन्दी किताब
उम्र से जिसके पन्नें पीले पड़ गए हैं
अँग्रेजी के दाब से जिसके गत्ते झड़ गए हैं
एक बार फिर उस किताब को पढ़ते हैं
थोड़ा संभलकर थोड़ा डरकर
एक बार फिर बंदर बनकर
किसी ऊँची-सी नीम पर चढ़ते हैं।
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एक बार फिर इमली का स्वाद चखते हैं
दो ईंटें रखकर उसपर एक डंडा रखते हैं
टायर लेकर चक्कर लगाते हैं गाँव में
एक बार फिर क्रिकेट खेलने निकलते हैं
काकी के घर बेर खाने के लिए चलते हैं
आ श्याम बैठते हैं पीपल की छाँव में।

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